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ग़म है
खुशी है
फिर क्यों
मन दुखी है
ग़म से दूर
खुशी से परे
कुछ पल थे
महरूम रह गए
उन पलों की
छूटे सिरों की
दिल को तलाश है
मन यूँ उदास है।
मं शर्मा(रज़ा)
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ग़म है
खुशी है
फिर क्यों
मन दुखी है
ग़म से दूर
खुशी से परे
कुछ पल थे
महरूम रह गए
उन पलों की
छूटे सिरों की
दिल को तलाश है
मन यूँ उदास है।
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