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उदासियों को भूल कर
खुशियों की बात कर
अंधेरों को भूल जा
उजालों को याद रख
रूकने की भूल न कर
ज़िंदगी एक लंबा सफर
छूट गया उसे भूल जा
साथ है उसे याद रख ।
मं शर्मा (रज़ा)
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उदासियों को भूल कर
खुशियों की बात कर
अंधेरों को भूल जा
उजालों को याद रख
रूकने की भूल न कर
ज़िंदगी एक लंबा सफर
छूट गया उसे भूल जा
साथ है उसे याद रख ।
मं शर्मा (रज़ा)
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