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दिल टूटा था
आवाज़ नहीं थी
पर अश्रुओं की
धार बही थी
बेवजह बरसात
हुई थी
भ्रम टूटा अच्छी
बात यही थी।
मं शर्मा (रज़ा)
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दिल टूटा था
आवाज़ नहीं थी
पर अश्रुओं की
धार बही थी
बेवजह बरसात
हुई थी
भ्रम टूटा अच्छी
बात यही थी।
मं शर्मा (रज़ा)
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