
Share0 Bookmarks 8 Reads0 Likes
मैं छोड़ के महफिल
उठ जाता हूँ
जिक्र जब जब होता है
तुम्हारे बारे में
ज़ख्म भर दिए थे
वक्त ने लेकिन
आँखें बोल देती हैं
तुम्हारे बारे में ।
मं शर्मा(रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
मैं छोड़ के महफिल
उठ जाता हूँ
जिक्र जब जब होता है
तुम्हारे बारे में
ज़ख्म भर दिए थे
वक्त ने लेकिन
आँखें बोल देती हैं
तुम्हारे बारे में ।
मं शर्मा(रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments