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हो मेरे हाथों में तेरा हाथ
जरूरी नहीं था
हो तुझसे मेरी मुलाकात
जरूरी नही था
क्यों जरूरी था साथ तेरा
सोचा नहीं था
क्यों जरूरी था ये अहसास
सोचा नहीं था ।
मं शर्मा (रज़ा)
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हो मेरे हाथों में तेरा हाथ
जरूरी नहीं था
हो तुझसे मेरी मुलाकात
जरूरी नही था
क्यों जरूरी था साथ तेरा
सोचा नहीं था
क्यों जरूरी था ये अहसास
सोचा नहीं था ।
मं शर्मा (रज़ा)
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