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तपती धरती
तपती दोपहर
प्यासे जीवन
तपती नहर
सूरज की गर्मी
ढाए कहर
झुलसते साए
लाचार शजर
पहर गिन रही
सूनी डगर
जेठ महीना
ढाये कहर।
मं शर्मा (रज़ा)
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तपती धरती
तपती दोपहर
प्यासे जीवन
तपती नहर
सूरज की गर्मी
ढाए कहर
झुलसते साए
लाचार शजर
पहर गिन रही
सूनी डगर
जेठ महीना
ढाये कहर।
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