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ये जीवन है बहता दरिया
वक्त का चलता जाए पहिया
सुख दुख हैं जीवन के तीर
बीच में बहता जीवन नीर
जीवन नैया चले हौले हौले
सुख दुख के पाटों के बीच
सुख आए तो गले लगा ले
दुख में भी आँखें मत भींच ।
मं शर्मा (रज़ा)
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