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बदलने लगा है
समय का चक्र
मौसम ने करवट ली है
छिपने लगा है
बादलों में सूरज
धूप ठंडी हुई है
गर्म कपड़ों से
अटे बज़ारों में
भीड़ उमड़ रही है
आने वाली है
शीत की लहर
दिसम्बर ने दस्तक दी है।
मं शर्मा (रज़ा)
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