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मिलना था ज़रूरी
मन में संताप था
कहानी थी अधूरी
शीर्षक उदास था
मिल कर बिछड़ते
फिर एक बात थी
इतना भी न हो सका
इतना सा ख्वाब था।
मं शर्मा (रज़ा)
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मिलना था ज़रूरी
मन में संताप था
कहानी थी अधूरी
शीर्षक उदास था
मिल कर बिछड़ते
फिर एक बात थी
इतना भी न हो सका
इतना सा ख्वाब था।
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