शिकायत's image
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 जीना चाहता हूँ जिंदगी

कोई जीने क्यों नहीं देता

बात करते हैं उसूलों की

कोई चलने क्यों नहीं देता


वो बोले शिकायत है तो

अदावत क्यों नहीं करता

तू तो अपना ही था मेरा

क्यों इनायत नहीं करता।


मं शर्मा (रज़ा)

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