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तुमको चाहना तुमको पाना
दो अलग बातें थीं
एक मेरे बस में और
दूसरी पर वश न था
तुम से मिलना ख्वाब था
जो अधूरा ही रहा
भाग्य पर भरोसा न किया
ये मेरा सौभाग्य रहा।
म शर्मा (रज़ा)
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तुमको चाहना तुमको पाना
दो अलग बातें थीं
एक मेरे बस में और
दूसरी पर वश न था
तुम से मिलना ख्वाब था
जो अधूरा ही रहा
भाग्य पर भरोसा न किया
ये मेरा सौभाग्य रहा।
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