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आँखों में है दिव्य ज्योति
चेहरे पे मंद मंद मुस्कान है
लगता है सब जानबूझ कर
तू बनता रहता अंजान है
मैं मूरख
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आँखों में है दिव्य ज्योति
चेहरे पे मंद मंद मुस्कान है
लगता है सब जानबूझ कर
तू बनता रहता अंजान है
मैं मूरख
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