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समय का समीकरण यूँ बदला
जीवन कोष्ठक सा हुआ है
ना कुछ कमाया ना ही गंवाया
सब कुछ बराबर हुआ है ।
मं शर्मा (रज़ा)
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समय का समीकरण यूँ बदला
जीवन कोष्ठक सा हुआ है
ना कुछ कमाया ना ही गंवाया
सब कुछ बराबर हुआ है ।
मं शर्मा (रज़ा)
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