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जब कोई पास नहीं होता
जब मैं उदास नहीं होता
तब तुमसे मुलाकात होती है
तुमसे तुम्हारी बात होती है
मेरी गुजारिश पर तुम भी
यादों में मेरी उतर आते हो
जाते जाते अपने पीछे तुम
संभावनाएँ छोड़ जाते हो।
मं शर्मा (रज़ा)
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