
Share0 Bookmarks 19 Reads1 Likes
किस बात का मान तुझे
किस बात का अभिमान है
बस चाँद है तू इसलिए
तुझे इस बात का गुमान है
मैं शैलजा जीवनदायिनी
नाम मेरा सरिता है
तू क्या जाने मेरे मिलन को
सागर भी तरसता है ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments