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भाषा की सादगी
चेहरे का भोलापन
अपना बना ले
तेरा सादापन
दूर तुझसे भला
जाए भी कैसे
खींचती है कशिश
सादगी की तेरी ।
मं शर्मा (रज़ा)
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भाषा की सादगी
चेहरे का भोलापन
अपना बना ले
तेरा सादापन
दूर तुझसे भला
जाए भी कैसे
खींचती है कशिश
सादगी की तेरी ।
मं शर्मा (रज़ा)
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