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थोड़ी सकुचाई सी
थोड़ी शरमाई सी
कच्ची कच्ची कलियाँ
ओस में नहाई सी
उषा के संग संग
पेड़ों पर छितराई सी
गीली गीली शबनम
कितना इतराई सी।
मं शर्मा (रज़ा)
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थोड़ी सकुचाई सी
थोड़ी शरमाई सी
कच्ची कच्ची कलियाँ
ओस में नहाई सी
उषा के संग संग
पेड़ों पर छितराई सी
गीली गीली शबनम
कितना इतराई सी।
मं शर्मा (रज़ा)
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