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माँ को अक्सर रोते देखा था
दुख संकट की घड़ियों में
पिता का रूदन सुना न कभी
भीष्ण विपदा की घड़ियों में
ह्रदयविहीन
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माँ को अक्सर रोते देखा था
दुख संकट की घड़ियों में
पिता का रूदन सुना न कभी
भीष्ण विपदा की घड़ियों में
ह्रदयविहीन
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