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कुछ बड़े करीबी से रिश्ते
लम्हा लम्हा मुरझा गए
बेहद नज़दीकियों के तले
सिसक सिसक के दब गए
कुछ तो है इन रिश्तों में
जो मर कर भी नहीं मरे
प्यार की पहली बारिश में
लहलहा कर फिर जी गये ।
मं शर्मा (रज़ा)
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