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प्यार का मौसम

Manju SharmaManju Sharma April 15, 2023
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हवा संग रूख बदलता है

आज यहाँ कल वहाँ मिलता है

प्यार नहीं मौसम हुआ है

बस आता जाता रहता है


जोग नहीं खेल तमाशा है

प्रेम की बदली परिभाषा है

त्याग समर्पण कोई न जाने

सबको पाने की आशा है ।


मं शर्मा (रज़ा)



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