प्रेमबंधन's image
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दूर रहो कि

रहो पास

बार बार

आयेगा याद

आधी चाहत

अधूरा प्यार


प्रेम बंधन

मांगे अर्पण

आजन्म तप

पूर्ण समर्पण

प्रेम जोग ही

जीवन तर्पण।



मं शर्मा (रज़ा)

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