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बाँध लो इन हसीं पलों को
प्रीत की डोर से
मिलते हैं जीवन में ये क्षण
बड़े नसीब से
जी लो इस अहसास को
हर एक श्वास पे
संपूर्ण हो प्रेम अभिलाषा
अभिव्यक्ति के द्वार पे।
मं शर्मा( रज़ा)
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