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पिछली बारिश में मुहब्बत के
ख्वाब सभी धुल गए
अगली बरसात में शायद
यादें बरसेंगी बूँदें बनकर ।
मं शर्मा (रज़ा)
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पिछली बारिश में मुहब्बत के
ख्वाब सभी धुल गए
अगली बरसात में शायद
यादें बरसेंगी बूँदें बनकर ।
मं शर्मा (रज़ा)
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