
Share0 Bookmarks 28 Reads0 Likes
भंवरे सी फितरत नहीं मेरी
जो डाली डाली फिरा करूँ
मैं सपना हूँ संग जीने का
तेरे नयनों में बसना चाहूँ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
भंवरे सी फितरत नहीं मेरी
जो डाली डाली फिरा करूँ
मैं सपना हूँ संग जीने का
तेरे नयनों में बसना चाहूँ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments