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मन की उमंग को
जीवन की तरंग को
हद से ज्यादा
ढील न दे
उड़ा ले जाएगा
होश तेरे
पतंग होकर ।
मं शर्मा( रज़ा)
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जीवन की तरंग को
हद से ज्यादा
ढील न दे
उड़ा ले जाएगा
होश तेरे
पतंग होकर ।
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