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बंधन न समझ
परंपरा है तेरी
तेरी पहचान
ज़मीन है तेरी
तेरा व्यक्तित्व
देन है इसकी
जीवन की ये
धुरी है तेरी ।
मं शर्मा (रज़ा)
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बंधन न समझ
परंपरा है तेरी
तेरी पहचान
ज़मीन है तेरी
तेरा व्यक्तित्व
देन है इसकी
जीवन की ये
धुरी है तेरी ।
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