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कहीं दूर से आ रही है सदा
बिछड़ा है फिर अपना कोई
चार दिन तक मातम होगा
फिर भूल जाएगा हर कोई
चलते जान
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कहीं दूर से आ रही है सदा
बिछड़ा है फिर अपना कोई
चार दिन तक मातम होगा
फिर भूल जाएगा हर कोई
चलते जान
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