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कहीं दूर से आ रही है सदा
बिछड़ा है फिर अपना कोई
चार दिन तक मातम होगा
फिर भूल जाएगा हर कोई
चलते जाना जीवन पद्धिति है
रूकते के संग कोई थमता नहीं
जीते जी के सब रिश्ते हैं
मरणोपरांत संबंध चलता नहीं।
मं शर्मा (रज़ा)
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