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वक्त ने आज़माया न हो
ऐसा नहीं था
मेरे सब्र का बाँध शायद
उससे बड़ा था
टूट के बिखर जाना
मेरी नियति नहीं
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वक्त ने आज़माया न हो
ऐसा नहीं था
मेरे सब्र का बाँध शायद
उससे बड़ा था
टूट के बिखर जाना
मेरी नियति नहीं
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