
Share0 Bookmarks 13 Reads0 Likes
लक्ष्य पर रखना नजर
कदम डगमगाना नहीं
नजर रख रही है नज़र
चरित्र को डिगाना नहीं
होने वाली है सहर
हौसलों तुम टूटना नहीं
साफ आएगा सब नजर
अंधेरों से डर जाना नहीं।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
लक्ष्य पर रखना नजर
कदम डगमगाना नहीं
नजर रख रही है नज़र
चरित्र को डिगाना नहीं
होने वाली है सहर
हौसलों तुम टूटना नहीं
साफ आएगा सब नजर
अंधेरों से डर जाना नहीं।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments