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अजब सी नमी है
इन पानियों में
होती हैं बारिशें
पर भिगोती नहीं
दर्द का दरिया भीतर
हिलोरे मारता है
आँखें हैं कि
नम होती नहीं ।
मं शर्मा (रज़ा)
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अजब सी नमी है
इन पानियों में
होती हैं बारिशें
पर भिगोती नहीं
दर्द का दरिया भीतर
हिलोरे मारता है
आँखें हैं कि
नम होती नहीं ।
मं शर्मा (रज़ा)
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