
Share0 Bookmarks 6 Reads0 Likes
न जाने क्यों दिल ने चाहा
जाने क्या बात हुई
खुश होने का मन हुआ
बिन मौसम बरसात हुई
सुख दुख के येअनुभव
मन के माने मौसम है
मन माने तो पतझड़ है
ना मानो तो बहार हुई ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
न जाने क्यों दिल ने चाहा
जाने क्या बात हुई
खुश होने का मन हुआ
बिन मौसम बरसात हुई
सुख दुख के येअनुभव
मन के माने मौसम है
मन माने तो पतझड़ है
ना मानो तो बहार हुई ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments