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बिखर रही है बुनियादें
तिरक रही है दीवारें
पिघल रहे अहसासों को
बिछड़ रहे हमराहों को
कह दो को
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बिखर रही है बुनियादें
तिरक रही है दीवारें
पिघल रहे अहसासों को
बिछड़ रहे हमराहों को
कह दो को
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