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विचारों का गुब्बार उठा था
लेकिन शब्दों का हार नहीं था
समय की रफ्तार तेज थी
अंतर्मन में उथल पुथल थी
अजब गजब दौड़ मची थी
सबको जीतने की होड़ लगी थी
मुड़कर दे
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विचारों का गुब्बार उठा था
लेकिन शब्दों का हार नहीं था
समय की रफ्तार तेज थी
अंतर्मन में उथल पुथल थी
अजब गजब दौड़ मची थी
सबको जीतने की होड़ लगी थी
मुड़कर दे
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