
Share0 Bookmarks 13 Reads0 Likes
यादों की गलियों में
फिर जाने का मन है
बाद मुद्दत के आज
फिर जीने का मन है
दिल ने फिर याद
किया है जिनको
उन नज़ारों में आज
रंग भरने का मन है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
यादों की गलियों में
फिर जाने का मन है
बाद मुद्दत के आज
फिर जीने का मन है
दिल ने फिर याद
किया है जिनको
उन नज़ारों में आज
रंग भरने का मन है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments