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ममता की छाँव

Manju SharmaManju Sharma April 3, 2023
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दूर देश एक गाँव में

प्रकृति की माँद में

पल रहा था बचपन

ममता की छाँव में


अभाव के प्रभाव से

कष्टों के प्रहार से माँ

अडिग अविचलित रही

कर्त्तव्य के भार से


समय ने करवट ली

माँ की अवस्था ढली

दो घड़ी विश्राम को

छाँव ढूढती फिरी।



मं शर्मा (रज़ा)

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