
Share0 Bookmarks 12 Reads0 Likes
कोमल ह्रदया
ममता की मूरत
तू मेरी जननी
पालनहारिनी
इस जग में
मेरी विधाता है
तू है मेरे पास
जब तक
क्या धूप क्या छाया है
है मेरा सौभाग्य
मेरे सिर पे
तेरा साया है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
कोमल ह्रदया
ममता की मूरत
तू मेरी जननी
पालनहारिनी
इस जग में
मेरी विधाता है
तू है मेरे पास
जब तक
क्या धूप क्या छाया है
है मेरा सौभाग्य
मेरे सिर पे
तेरा साया है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments