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कह देने से बात बने ना
सुनने को कोई तैयार रहे ना
मनोभावों पर वश चले ना
तुम ही कहो मैं क्या करूँ
जीवन एक उलझन हो
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कह देने से बात बने ना
सुनने को कोई तैयार रहे ना
मनोभावों पर वश चले ना
तुम ही कहो मैं क्या करूँ
जीवन एक उलझन हो
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