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मधु की मस्ती में
मधुशाला हंसती
मद का नशा
जीवन की दुर्दशा
मधु का सेवन
चारित्रिक हनन
बिछड़ें स्वजन
हो वैचारिक पतन।
मं शर्मा (रज़ा)
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मधु की मस्ती में
मधुशाला हंसती
मद का नशा
जीवन की दुर्दशा
मधु का सेवन
चारित्रिक हनन
बिछड़ें स्वजन
हो वैचारिक पतन।
मं शर्मा (रज़ा)
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