
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
दिन ढलने को है
रात उगने को है
आ अब घर लौट चलें
लहरों की गिनती कल करेंगे
सुबह तो आएगी
No posts
No posts
No posts
No posts
दिन ढलने को है
रात उगने को है
आ अब घर लौट चलें
लहरों की गिनती कल करेंगे
सुबह तो आएगी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments