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एहसासों की माला जैसे
भावनाओं से ओतप्रोत
कुछ खत मैंने संजो रखे हैं
पिता गए थे जिनको छोड़
ह्रदयस्पर्शी बातें हैं इनमें
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भावनाओं से ओतप्रोत
कुछ खत मैंने संजो रखे हैं
पिता गए थे जिनको छोड़
ह्रदयस्पर्शी बातें हैं इनमें
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