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तुम्हें भुलाने की कोशिश में
मैं बहुत हलकान हुआ
जब भी तुम्हें भुलाना चाहा
और ज्यादा याद किया
तेरा दखल मेरे जीवन में
दिनों दिन बढ़ता रहा
मैं तेरी यादों के सहारे
आगे का सफर करता रहा।
मं शर्मा (रज़ा)
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