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बाद मुद्दत के
तुम्हें खत लिखा है
जो कह न सका
वो लिखा है
तुम पढ़ लेना
और समझ लेना
जो मैंने लिखा
खत मेरा कोरा सफा है ।
मं शर्मा( रज़ा)
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बाद मुद्दत के
तुम्हें खत लिखा है
जो कह न सका
वो लिखा है
तुम पढ़ लेना
और समझ लेना
जो मैंने लिखा
खत मेरा कोरा सफा है ।
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