कोमल भाव's image
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मन में उपजे हैं

मन ही में रहने दे

कोमल भाव हैं

आहत होंगे


कोई न समझेगा

अंजान बनेंगे

सौदागर हैं

मोलभाव करेंगे।


मं शर्मा (रज़ा)


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