खामोशी's image
Share0 Bookmarks 23 Reads0 Likes

होंठ तो खामोश थे

आँखें क्या कह गईं

तुमने क्या सुन लिया

बुरा क्यों मान गईं


नज़र तो मिली न थी

पलकों की नमी कह गई

दिल के दरवाज़े बंद थे

खिड़की खुली रह गई


होंठ तो खामोश थे

आँखें क्या कह गईं..



मं शर्मा (रज़ा)

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts