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अपनी कथनी पर खरे उतरें
अब वो किरदार नहीं मिलते
मैं अगर मुकरना भी चाहूँ
मुझे अल्फाज़ नहीं मिलते ।
मं शर्मा (रज़ा)
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अपनी कथनी पर खरे उतरें
अब वो किरदार नहीं मिलते
मैं अगर मुकरना भी चाहूँ
मुझे अल्फाज़ नहीं मिलते ।
मं शर्मा (रज़ा)
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