
Share0 Bookmarks 15 Reads0 Likes
भवसागर में उतरी है
लहरों से सामना होगा ही
जीवन नैया को कैसे भी
पार लगाना होगा ही
किनारे गर बैठे रह गए
पार न उतर पाएंगे कभी
भटकी गर कश्ती तो
राह पर न ला पाएंगे कभी।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments