
Share0 Bookmarks 38 Reads1 Likes
कसर छोड़ी न तूफां ने
मुझको मिटाने की
अपनी ज़मीं छोड़ दे जो
मैं वो शजर न था ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
कसर छोड़ी न तूफां ने
मुझको मिटाने की
अपनी ज़मीं छोड़ दे जो
मैं वो शजर न था ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments