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मत ओढ़ हंसी का खोल
खुल रही है सारी पोल
प्यार वफा के मीठे बोल
छल कपट का बड़ा झोल
कसमे वादों का नहीं मोल
मत कर मन को डांवाडोल
सूनीआँखों से ना आँसू रोल
प्यार वफा एक फटा ढोल ।
मं शर्मा (रज़ा)
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