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जिम्मेदारियों बढ़ती गईं
कंधे झुकते गए
बोझ उठाते उठाते
जिस्म भी पथरा गए
ग़म और खुशी के फर्क
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कंधे झुकते गए
बोझ उठाते उठाते
जिस्म भी पथरा गए
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