Share0 Bookmarks 44260 Reads0 Likes
बिखर गए हैं शब्द कई
अक्षरों में झर कर
बह निकले हैं झरने कई
आँसुओं से होकर
No posts
No posts
No posts
No posts
बिखर गए हैं शब्द कई
अक्षरों में झर कर
बह निकले हैं झरने कई
आँसुओं से होकर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments